NOT KNOWN FACTUAL STATEMENTS ABOUT HINDI KAHANI

Not known Factual Statements About hindi kahani

Not known Factual Statements About hindi kahani

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हिंदी कहानियां प्रेरणादायक

अब यह अपने बच्चों को रोजाना इस ज्वार के खेत में दाना चुगाने के लिए ले जाने लगी.

घने और लम्बे बाल भुजाओं पर बिखर गये.उस नवयुवक की पत्नी बोली- स्वामी ये आपकी बेटी हैं, आपके चले जाने के बाद दुनिया की नजरो से बचाने के लिए मैंने इसका एक बेटे की तरह पालन-पोषण किया.

बरसात के दिन थे. शीला बच्चों को लेकर शाला जा रही थी.

वह प्रत्येक दिन वन्य जीवों को मारा करता था, वन के सभी जीव जन्तु उससे परेशान थे.

काफी समय तक निहोरे किये, तब भी व न माना. फिर कुछ समय बाद भैसों का झुण्ड आया. कुरज ने करुण स्वर में विनती की.

नोट : ये कहानी मेरी कल्पना से रचित है....इसमें लिखे डायलॉग और एक्ट चाहे फनी हो या सीरियस सब मेरे दिमाग से लिखें गए है तो कृपया नकल करने की कोशिश ना करे पढ़े और प्यार दे ...

♤ ♡ ◇ ♧ ♤ ♡ ◇ ♧ ♤ ♡ ◇ ♧ केमरा पकडे दाढी मुँछ वाला आदमी दुल्हे की फोटो खींचने ही वाला था कि एक लड़की अपने फ्रेंड्स के साथ उधर से जा रहा थी वो उससे टक्करा गयी तो उस आदमी ने उस लडकी को हल्का धक्का ...

तभी, शेरनी पर एक छोटे चूहे की नजर पड़ी। उसने देखा शेरनी बहुत दर्द में थी। चूहा, हालांकि काफी डरा हुआ था, उसने शेरनी से मदद की पेशकश करने के लिए साहस दिखाया। छोटा चूहा, बहुत दर्द झेलने के बाद, शेरनी के पंजे से कांटा निकालने में कामयाब रहा और उसे दर्द से मुक्त किया।

तब से वन्य प्राणी निर्भय होकर रहने लगे, इसी क्रम में कुछ दिनों बाद एक खरगोश की बारी आई, खरगोश सिंह की गुफा की ओर चल पड़ा.

में तो किसी तरह से उससे जान छुड़ाकर आपके पास आया हु, महाराज !

यह कहानी युगों–युगों से कही और बताई जाती रही है, लेकिन निश्चित रूप से यह एक ऐसी कहानी है जो आपके बच्चे को एक महत्वपूर्ण सीख देती है जो जीवनभर उसके साथ रहता है। आप इस कहानी का क्लासिक रूप भी बच्चों को सुना सकते हैं या कुछ वेरियशन के साथ भी सुना सकते हैं जो कि आपके बच्चे को सीखने के लिए एक मूल्यवान पाठ सबित होगा ।

एक दिन, एक मछुआरा तालाब के पास आया और मछली को देखकर प्रसन्न हुआ। उसने जाल डालने और उन्हें पकड़ने की योजना बनाई।

और पशुओ के खून से सारे जंगल को सींच देगा. उसी समय खरगोश उनके पास पहुच गया और प्रणाम करके बैठ गया.

वह बालक अपनी धुन का पक्का व दृढ निश्चयी था. वह कुछ नही बोला और जमीदार की नौकरी छोड़कर अपने घर की ओर चल पड़ा. उसने अपनी पढाई चालु रखी.

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